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भावार्थ सहित घटरामायण - पदावली 

जय गुरु!

सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज द्वारा अभ्यासी सत्संगियों के लिए अनुपम भेंट।  
प्रथम प्रकाशन : 1936

विषय-सूची

क्रमविषय-वस्तु                                                               अन्य टिप्पणी
01.भूमिका - 01घट रामायण नाम की पुस्तक मुझको ..... परम प्रभु सर्वेश्वर को मनुष्य अपने .....
02.भूमिका - 02इस ग्रंथ के रचयिता कौन हैं, इसका .....
03.भूमिका - 03इसके केवल मुख्य और परमोपयोगी विषय .....
04.भूमिका - 04घटरामायण में लिखा है कि यह पुस्तक .....
05.भूमिका - 05फिर दोनों पुस्तकों (रामचरितमानस और घटरामायण)  .....
06.भूमिका - 06ऊपर लिखित पद्यों से गोसाईं तुलसी दास .....
07.भूमिका - 07घटरामायण में लिखा है कि "अनाम पद .....
08.भूमिका - 08रामचरितमानस में नवधा भक्ति अत्यन्त .....
09.भूमिका - 09घटरामायण में लोमश ऋषि का उनके .....
10.भूमिका - 10श्रीकृष्ण भगवान की निसबत भी अयोग्य .....
11.भूमिका - 11घट रामायण के कर्त्ता ने उसमें अनेक .....
12.भूमिका - 12घटरामायण में गुरु-शिष्य के विषय में औरों .....
13.भूमिका - 13घट रामायण में लिखा है कि .....
14.भूमिका - 14अब इस बात का विचार किया .....
15.भूमिका - 15तुलसी साहब के समाधि-मन्दिर हाथरस .....
16.भूमिका - 16राय बहादुर साहब ने ‘सुरत विलास’ ग्रंथ से .....
17.भूमिका - 17अब तुलसी साहब के बारे में एक दूसरी दन्त कथा .....
18.भूमिका - 18‘मराठों का उत्थान और पतन’ नामी पुस्तक ......
19.सोरठा
स्रुति बुन्द सिंध मिलाप, आप अधर चाढ़ि चाखिया।
20.श्रुति सिंध छन्द
सत सुरत समझि सिहार साधौ। निरखि नित नैनन रहौ।।
21.छन्द
हिये नैन सैन सुचैन सुन्दरि। साजि स्रुति पिउ पै चली ।।
22.छन्द 
आली अधर धार निहार निजकै। निकरि सिखर चढ़ावहीं ।।
23.छन्द
आली पार पलंग बिछाइ पलपल । ललक पिउ सुख पावहीं ।।
24.छन्द
आली देख लेख लखाव मधुकर । भरम भौ भटकत रही ।।
25.छन्द
सखी सीख सुनि गुनि गाँठि बाँधौ । ठाट ठट सतसंग करै ।।
26.छन्द
जब बल बिकल दिल देखि बिरहिन । गुरु मिलन मारग दई ॥
27.छन्द :  गुरु, इष्ट, संत और सत्संग 
सतगुरु अगम सिन्धु सुखदाई। जिन सत राह रीति दरसाई॥
28.चौपाई : साधु और सदा लौ लगाए रहने का यत्न
तिल परमाने लगे कपाटा। मकर तार जहाँ जीव का बाटा॥
29.चौपाई : जीव का निबेरा
तुलसी निरख देखि निज नैना। कोइ कोइ संत परखिहैं बैना॥
30.आरती
आरति संग सतगुरु के कीजै । अन्तर जोत होत लख लीजै॥
31.घट रामायण के साधन का खुलासाअभ्यासी गुरु से भेद जानकर अभ्यास करना चाहिए। .....
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सहयोग कर्ता 

(संतमत सत्संग सेवार्थी)
01. स्वामी स्वरूपानन्द जी : प्रेरणा-स्रोत
02. ज्ञानी कुमार चौधरी जी : प्रेरणा-स्रोत 
03. बाबा ब्रजेश जी : प्रेरणा-स्रोत एवं टंकण सहायता 
04. बाबा रामदास 'रूपेश' जी : प्रेरणा-स्रोत
05. बाबा कैलाश चौधरी जी : प्रेरणा-स्रोत एवं टंकण सहायता 
06. समस्त साधक वृंद : प्रेरणा-स्रोत